#कौन थे #भर who is #Bhar Kaun the #Bhar
🏹🏹 कौन थे( भर )🏹, लेखक /बासुदेव सिंह (उन्नाव) बैसवाड़ा ( अवध का एक भाग ) क्षेत्र में बैस क्षत्रियों के आगमन के पूर्व यहाँ पर एक युद्धप्रिय जाति का बोलबाला था । जनश्रुति के अनुसार उस जाति को भर कहा जाता था । बैसवाडा ही नहीं वरन समस्त अवध के एक बड़े भाग पर उस समय उनका आधिपत्य था गंगा सई गोमती और घाघरा आदि नदियों के तटीय दुर्गम प्रदेशों में उनके दुर्ग थे उन दुर्गा के ध्वंसावशेष टीलो और दूहों के रूप में आज भी उनके ऐश्वर्य की साक्षी दे रहे है । टीलों और दूहों में पकी ईंटों रोहे उनके राज - प्रासादो , दुर्गा , शिव मंदिरों की गाथाएँ आज भी प्रस्तुत कर रहे है । के उन्नाव , रायबरेली , लखनऊ और बाराबकी की कौन कहे प्रायः समस्त अवध में अनेक ऐसे ग्राम आज भी विद्यमान हैं , जिनके बसाने का श्रेय इसी जाति को दिया जाता है । अवध की एक जनश्रुति के अनुसार व अक्षर से प्रारंभ होने वाले उन्नाव , रायबरेली और बाराबंकी जिले के प्रत्येक ग्राम का नाम भर - जाति के राजाओं के नाम पर है । गाजीपुर के जिले का चिरैया कोट का किला उन्हीं का बनवाया हुआ कहा जाता है । इसी भाँति बस्ती और गाजीपुर के अनेक खडहरों का सम...