#Rajbhar_Kashtriya #Rajbharbrand
#राजभर_क्षत्रिय 🚩🚩🚩
के अंधकारमय इतिहास को कुछ दोगले टाइप के #क्षत्रिय जो विदेशी म्लेक्षो के गुलाम, चाटुकार, लालची, और देश के गद्दारों ने इन वीर धर्म रक्षक, संस्कृत और सभ्यता के रक्षक ,भारत रक्षक ,#भारशिव_भर_क्षत्रियों के #गौरवशाली इतिहास को हमेशा कुचलने की कोशिश की, क्या हैं #भारशिव #भर/#राजभर_क्षत्रियों का इतिहास।
ईशा पूर्व जब अपने अंतिम समय और ईसवी की शुरूवात जब #कुषाण शकों का अत्याचार चरम सीमा पर पहुंच गया तब भारशिव भर क्षत्रियों ने अपने इष्ट #शिव जी की शपथ ग्रहण करते हुए कुषाण शकों के अत्याचार का अंत करने का भार अपने कंधों पर 💪💪 वहन किया , उनका अंत किया और धर्म संस्कृति की रक्षा की, #भारशिव कहलाए ऐसे वीरों को धरती कैसे भूल सकती थीं।
जब #मोहम्मद गजनी ,सैय्यद सालार जैसे लुटेरों का आतंक हमारे देश में फिर हावी हो गया तब एक बार फिर #भारशिव #भर/राजभर क्षत्रियों ने जो भारत के अधिकांश भाग पर शासन कर रहे थे उनके खिलाफ बगावत छेड़ दी और अंत में भारशिव भर/राजभर क्षत्रिय महाराजा #सुहेलदेव_राजभर उनके 21सहयोगी वीर क्षत्रियों ने उस आतंकी का अंत किया जिसे भारत की धारा ने कभी भुलाने नहीं दिया और डेढ़ सौ सालो तक किसी की माई के लाल में हिम्मत नहीं हुई भारत की तरफ आंख उठाने की।
जब एक बार फिर 12 वीं सदी में कुछ विदेशी म्लेक्षो मोहम्मद गोरी से शुरू होकर इल्तुतमिश, नसरुद्दीन शाह, खिलजी, मुगल , शार्की , अंग्रेजों की तमाम दोगले टाइप के राजपूत क्षत्रियों ने उनके सामने घुटने टेक दिए उनकी गुलामी को स्वीकार किए ,चाटुकार बन गए ,और देश के गद्दार बन गए, और भारत देश को हजारों वर्ष तक भारत को गुलामी में झोंक दिया।
तब एक बार फिर #भारशिव भर /राजभर क्षत्रियों ने 12 वी सदी से लेकर 15 वी सदी तक बगावत का झंडा बुलंद किया और किसी भी विदेशियों के आगे नहीं झुके लड़ते लड़ते अपने अस्मिता को खत्म कर दिए भारत की आन बान शान के लिए और राजा से रंक बन गए लेकिन कभी भी शीश नहीं झुकाया और देश ने इन्हीं देश प्रेमियों को भुला दिया लेकिन इस धरती की धारा ने लोगों को भूलने नहीं दिया।
जब एक बार फिर कुछ मुट्ठी भर अंग्रेजों ने भारत की 565 रियासतें जो विदेशी मलेक्षो की गुलाम बन चुकी थी सब ने उनके सामने घुटने टेक दिए तब भी #भारशिव भर /राजभर क्षत्रियों ने रंक और होकर भी बगावत का झंडा बुलंद किया था। जन्मजात अपराधी घोषित हों गाएं।
तब मौके का फायदा उठाकर इन कुछ भारतीय गद्दारों ने जो #भारशिव भर राजभर क्षत्रियों के जागीर पर कब्जा कर चुके थे धोखे और छल से गुलामी और चाटुकारिता से तमाम मनगढ़ंत कहानियां बनाकर इनको इस मानसिकता में डाल दिया यह हीरो से जीरो बन गए, दरिद्रता के अंतिम पायदान पर पहुंच गए,फिर भी भारत की धरा ने भारत के लोगों को भूलने नहीं दिया। इनकी विरासत रूपी किले कोट जो आज #खंडहर होकर भी धरती ने अपने आंचल में संजो कर रखा है और आम जनमानस के जेहन में किदवंती और कहानियों के रूप में इनके इतिहास को आज भी जिंदा रखा है।
इसे इतिहास का करिश्मा कहें या भारत के धरती का आशीर्वाद इन वीरों के इतिहास को उन्हीं विदेशियों ने अपनी कलम से लिख कर इनके इतिहास को अमर कर दिया और क्यों नहीं करते वीरों का सम्मान हमेशा वीर करते हैं कायर नहीं और हमारे देश के वो कायर और गद्दार अब उन्हें डर लगने लगा है जब इन #भारशिव भर/राजभर क्षत्रियों का न मिटने वाला इतिहास और उनके महापुरुषों के वीरता दुनिया के सामने आने लगी है तब इन कायरों को डर लगने लगा है, कहीं हमारी पोल ना खुल जाए ,जो एक नकली राजपूताना और क्षत्रियों की खाल ओढ़ कर अभी तक ढोल पीट रहे थे पेट में दर्द हो रहा है, इसलिए फिर हावी हो रहे हैं ताकि इनका गद्दारी , चाटुकार, छल, धोखा और कायरों वाला इतिहास दुनिया के सामने नहीं आ सके, इसके लिए यह फिर से #भारशिव भर /#राजभर_क्षत्रियों के इतिहास और महापुरूषों पर भी कब्जा करना चाहते हैं !
लेकिन इन्हें पता नहीं यह वही #ऐतिहासिक भूल करने जा रहे हैं जो इन्होंने पहले किया था और यह इतिहास है साहब किसी को माफ नहीं करता है वह दौर था बीत गया यह एक नया दौर है और एक नया इतिहास भी ✍️लिखा जाएगा, ✍️ लिखा जाएंगा , जिसका पूरा भारत ऋणी था और रहेगा।
#श्री_भारशिव_नागवंशी_क्षत्रिय_सेना🚩🚩
✍️ क्षत्रिय अमित प्रताप ✍️
7860760808
👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
बहुत सुंदर लेख
जवाब देंहटाएंजय सुहेलदेव राजभर जी
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ठाकुर साहब 🙏🙏
हटाएंबहोत ही बढ़िया हर हर महादेव
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