संदेश

राष्ट्रवीर सम्राट महाराजा सुहेलदेव भर जी की वंशावली

चित्र
राष्ट्रवीर सम्राट महाराजा सुहेलदेव भर जी की वंशावली  (1)मोरध्वज   (2)हंसध्वज   (3)मकरध्वज  (4)बिहारीमल   (5)सुहेलदेव  (6)कल्हणदेव   (7)नयेचन्द्र   (8) मानिकचंद्र   (9)पूरनमल  (10)सूर्यमल  (11)नागुल  (12)छत्रसाल  (13) हरिसिंह देव ............................................... इतिहास सम्बंधित जानकारी!! सम्मानित लेखको द्वारा लिखा हुआ पुस्तक प्राप्त जरुर पढें!! 🌹🇮🇳📚📚📖📗📃📗🏅📚📔🇮🇳🌹 राजभर पुस्तकालय में रखने योग्य राजभर समाज से संबंधित पुस्तकें( जहाँ मिलें खोजिये). ..................................................... 1- इतिहास लौटा> लेखक:- श्री जगदीश नारायण सिंह ऋषि वंशी. पुस्तक प्राप्ति -57 टैगोर टाउन अर्दली बाजार वाराणसी. 2- पुनर्नवा> लेखक :- श्री हजारी प्रसाद द्विवेदी, राजकमल प्रकाशन प्रा. लिमि.8 नेताजी सुभाष मार्ग नई दिल्ली110002. 3- भारतवर्ष का अंधकार युगीन इतिहास, सन 150 ई0 से 350 ई0 तक> लेखक:- श्री काशी प्रसाद जायसवाल प्रकाशक नागरी प्रचारिणी सभा काशी. 4- बहराइच जनपद का खो...

#Rajbhar_Kashtriya #Rajbharbrand

 #राजभर_क्षत्रिय 🚩🚩🚩                          के अंधकारमय इतिहास को कुछ दोगले टाइप के #क्षत्रिय जो विदेशी म्लेक्षो के गुलाम, चाटुकार, लालची, और देश के गद्दारों ने इन वीर धर्म रक्षक, संस्कृत और सभ्यता के रक्षक ,भारत रक्षक ,#भारशिव_भर_क्षत्रियों के #गौरवशाली इतिहास को हमेशा कुचलने की कोशिश की, क्या हैं #भारशिव #भर/#राजभर_क्षत्रियों का इतिहास। ईशा पूर्व जब अपने अंतिम समय और ईसवी की शुरूवात जब #कुषाण शकों का अत्याचार चरम सीमा पर पहुंच गया तब भारशिव भर क्षत्रियों ने अपने इष्ट #शिव जी की शपथ ग्रहण करते हुए कुषाण शकों के अत्याचार का अंत करने का भार अपने कंधों पर 💪💪 वहन किया , उनका अंत किया और धर्म संस्कृति की रक्षा की, #भारशिव कहलाए ऐसे वीरों को धरती कैसे भूल सकती थीं। जब #मोहम्मद गजनी ,सैय्यद सालार जैसे लुटेरों का आतंक हमारे देश में फिर हावी हो गया तब एक बार फिर #भारशिव #भर/राजभर क्षत्रियों ने जो भारत के अधिकांश भाग पर शासन कर रहे थे उनके खिलाफ बगावत छेड़ दी और अंत में भारशिव भर/राजभर क्षत्रिय महाराजा #सुहेलदेव_राजभर उ...

#Bhar_Rajbhar_The_Great_worrior

चित्र
 👉एक प्रश्न पूरे #क्षत्रिय समाज से??? जो #भर/#राजभर_क्षत्रिय जाति ईसा पूर्व से 14वीं शताब्दी तक #सम्राट बन कर पूरे #आर्यावर्त पर #राज्य किया हो । उसे #तब से #अब तक #जनजाति  #आदिमजाति से नवाजा जाता है । आखिर वो #कौन?? थे या अभी भी है #नीचता का #इतिहास पढ़ा-पढ़ा कर पूरे #क्षत्रिय_समाज को #खोखला व #कमजोर कर रखा है ?? इस #भर/#राजभर_क्षत्रिय #सम्राट होते हुए भी #आज_तक भी #स्वीकार नहीं करते है ?? आखिर उस का #इरादा क्या है?? सौजन्य:- #श्री_भारशिव_नागवंशी_क्षत्रिय_सेना🚩🚩

#कौन थे #भर who is #Bhar Kaun the #Bhar

 🏹🏹 कौन थे( भर )🏹, लेखक /बासुदेव सिंह (उन्नाव)  बैसवाड़ा ( अवध का एक भाग ) क्षेत्र में बैस क्षत्रियों के आगमन के पूर्व यहाँ पर एक युद्धप्रिय जाति का बोलबाला था । जनश्रुति के अनुसार उस जाति को भर कहा जाता था । बैसवाडा ही नहीं वरन समस्त अवध के एक बड़े भाग पर उस समय उनका आधिपत्य था गंगा सई गोमती और घाघरा आदि नदियों के तटीय दुर्गम प्रदेशों में उनके दुर्ग थे उन दुर्गा के ध्वंसावशेष टीलो और दूहों के रूप में आज भी उनके ऐश्वर्य की साक्षी दे रहे है । टीलों और दूहों में पकी ईंटों रोहे उनके राज - प्रासादो , दुर्गा , शिव मंदिरों की गाथाएँ आज भी प्रस्तुत कर रहे है । के उन्नाव , रायबरेली , लखनऊ और बाराबकी की कौन कहे प्रायः समस्त अवध में अनेक ऐसे ग्राम आज भी विद्यमान हैं , जिनके बसाने का श्रेय इसी जाति को दिया जाता है । अवध की एक जनश्रुति के अनुसार व अक्षर से प्रारंभ होने वाले उन्नाव , रायबरेली और बाराबंकी जिले के प्रत्येक ग्राम का नाम भर - जाति के राजाओं के नाम पर है । गाजीपुर के जिले का चिरैया कोट का किला उन्हीं का बनवाया हुआ कहा जाता है । इसी भाँति बस्ती और गाजीपुर के अनेक खडहरों का सम...

#The_Bhar_Tribe _act

चित्र
 #TheKashmirFiles  vs  #The_Bhar_Tribe_act  अब बात करते है #The_Bhar_Tribe_act की कहानी पर ।। यह बात है 1860-1865 की जब अंग्रेजी हुकूमत ने अपने परचम पूरे भारतवर्ष पर लहरा दिया था और वहाँ की जमीन-जायदाद पर कब्जा जमा रहे थे । तब इनको कोई रोक रहा था तो केवल #भर_राजपूत(वर्तमान #राजभर_क्षत्रिय) इतना ही नही मित्रो इन अंग्रेजो का साथ कुछ जयचंदो ने दिया जो आज जमींदार बने बैठे है । लेकिन #भर_राजपूतो अपने मान-सम्मान व स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नही किया ।  ब्रिटिश हुकूमत ये जान चूकी थी कि इनको(भर_राजपूतो) को अपने बस में करना लोहे का चना चबाने के बराबर है तो  अंग्रेजी हुकूमत ने वर्ष 1871 में एक नया कानून बनाया  #क्रिमिनल_ट्राइब्स_एक्ट को लागू किया  इस कानून के दायरे में लगभग 500 जातियों व जनजातियो को लाया गया । ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बहुत सारी ऐसी लड़ाकू जातियाँ थीं जिन्हें #क्रिमिनल_ट्राइब्स यानी #आपराधिक_जाति_जनजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया था उसमें #भर_राजपूतो का नाम सर्वोपरि था । वस्तुतः इस अधिनियम के ज़रिये ब्रिटिश पुलिस को इन #भर_राजपूतो को गिरफ्त...

#महाशिवरात्रि🔱 पर विशेष 🚩🚩

चित्र
 👉#महाशिवरात्रि🔱 पर विशेष लेख ✍✍✍ आज है महाशिवरात्रि,हजारो वर्ष पहले #राजभर_क्षत्रियो ने महादेव को प्रसन्न करने के लिये अपने कंधे पर शिवलिंग धारण करके माँ #भागीरथी के पावन जल से #रुद्राभिषेक किया था तत्पश्चात महादेव प्रसन्न होकर सभी #राजभर_क्षत्रियो को #भारशिव🔱 की उपाधि दी "सभी देशवाशियों को महाशिवरात्रि के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं👏👏👏नाग जाति भगवान शंकर जी की महान पूजक थी, हे! भारशिव नागवंशी आर्य पुत्रों अपनें आपको जानों और पहचानों आप कौंन हैं, आपके पूर्वज क्या थे आपकी वीरता और आपकी महानता को भगवान शिव जी के साथ-साथ सभी इतिहासकारों नें अपनी लेखनी से आपके स्वर्णिम इतिहास को स्वर्णिम अक्षरों में विश्व पटल पर रखा है, नमन् है उन इतिहासकारों को जिन्होनें आपकी वीरता और आपकी महानता का गुणगान और आपकी यश कीर्ति का द्वीप पूरी दुनियाँ में प्रज्वलित किए  हैं, भारभूतेष का अर्थ स्पष्ट करें तो भूत का अर्थ प्राणी अथवा जाति है, भारभूतेष का पूर्ण अर्थ भार जाति का ईश्वर शिव हैं, भारभूतेष शब्द भार जाति एवं शिव का घनिष्ठ सम्बंध दर्शाता है,"राजवंशानाम् भारशिवानाम्" माँ भगवती पार्...

#भर-राजपूत(राजभर_क्षत्रिय)राजा से हुए #रंक पर विशेष

 👉राजा से रंक कैसे हुए #राजभर_क्षत्रिय पर कुछ विशेष  [ठाकुर श्री #प्रवीण_सिंह एवं #मनोज_राय की कलम से ]÷  कुछ ज्ञानी महानुभाव अज्ञानता के कारण राजा की औलाद को अपमानित करने का घृणित कार्य करते हैं और सवाल उठाते हैं कि जब आपके पूर्वज राजा थें तब उनकी औलादें रंक कैसे हुई?? उन महानुभावों के सवालों का जवाब हैं कि राजा की औलाद रंक कैसे हुएँ?? 👉 आप और पूरे देशवासी अच्छी तरह जानते हैं कि SC, ST, OBC  स्वतंत्र भारत के बाद सरकार की पालिसी है, आजादी से पहले SC, ST, OBC नहीं था,, आजादी से पहले वर्ण व्यवस्था थी।वर्ण व्यवस्था में #चार_वर्ण ÷ #ब्राम्हण, #क्षत्रिय, #वैश्य, #शुद्र।। भारत को सोनें की चिड़ियाँ कहा जाता था । विदेशी लुटेरा यहाँ शुद्रों को लुटनें नहीं आते थें, विदेशी लुटेरा यहाँ के राजा महाराजाओं की अपार धन संम्पदा को लूटने आये थें।। जो लड़ा वो खत्म हो गया। विदेशी लुटेरा #मोहम्मद_गजनवी यहीं के चाटुकार चंद गद्दारों के सहयोग से भारत के #शोमनाथ_मन्दिर को 17 बार लूटा ।। #महाराजा_सुहेलदेव_राजभर जी के वंशज राजा से रंक कैसे हुए ?? 👉👉 राजा से रंक होने का कारण÷  10 जून 10...

Rajputana-The Complete Encyclipedia of Gotra #Bhardwaj(Nagvanshi_Rajput /Bhar_Rajput

चित्र
 Rajputana- The Complete Encyclipedia(Nagvanshi_Rajput/Bhar_Rajput Gotra #BHARDWAJ(भारद्वाज)       राजपूतों की वंशावली  “दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण, चार हुतासन सों भये कुल छत्तिस वंश प्रमाण भौमवंश से धाकरे टांक #नाग🐍🐍 उनमान चौहानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण.” अर्थ:-दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय,बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तिस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है,बाद में भौमवंश नागवंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग अलग वंशों में जाने लगा तब क्षत्रियों के बासठ अंशों का पमाण मिलता है। सूर्य वंश की दस शाखायें:- १. कछवाह २. राठौड ३. बडगूजर४. सिकरवार ५. सिसोदिया ६.गहलोत ७.गौर ८.गहलबार ९.रेकबार १०. नागवंशी(भारद्वाज) चन्द्र वंश की दस शाखायें:- १.जादौन २.भाटी ३.तोमर ४.चन्देल ५.छोंकर ६.होंड ७.पुण्डीर ८.कटैरिया ९.स्वांगवंश १०.वैस अग्निवंश की चार शाखायें:- १.चौहान २.सोलंकी ३.परिहार ४.पमार. ऋषिवंश की बारह शाखायें:- १.सेंगर २.दीक्षित ३.दायमा ४.गौतम ५.अनवार (राजा जनक के वंशज) ६.विसेन  ७.करछुल  ८.हय ९.अबकू तबकू ...